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अंडमान निकोबार में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके ने देर रात अंडमान निकोबार की धरती को कंपा दिया. भूकंप आने के बाद अफरातफरी का माहौल बन गया. घरों निकल कर लोग बाहर की तरफ भागने लगे. हालाँकि किसी जान माल के नुकसान की सूचना नहीं है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक भूकंप देर रात 12:15 मिनट पर आया था. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रत 4.9 मापी गई है. भूकंप की गहराई जमीन से 77 किमी नीचे थी.
भूकंप से कैसे बचाव करें?
अगर अचानक भूकंप आ जाए घर से बाहर खुले में निकलें. अगर आप घर में फंस गए हों तो बेड या मजबूत टेबल के नीचे छिप जाएं. घर के कोनों में खड़े होकर भी खुद को बचा सकते हैं. यदि आप घर के बाहर हैं तो जहां हों वहां से आप न हिलें. बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों तथा बिजली/टेलीफोन आदि की तारों आदि से दूर रहें. यदि आप किसी खुली जगह पर हों तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं. भूकंप दो प्रकार के होते हैं. टेक्टोनिक और ज्वालामुखीय भूकंप.
जाने क्यों आता है भूकंप
दरअसल, धरती मुख्य रूप से चार परतों से बनी हुई है, जिन्हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टल और क्रस्ट कहा जाता है. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जता है. ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैक्टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं. ये प्लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं. ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर , दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं. इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है. इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं. ऐसे में ही भूकंप आता है.
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