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पूरी दुनिया में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ओमिक्रॉन ने देश के कई राज्यों में दस्तक दे दी है. डेल्टा के कहर को देखते हुए सरकार इस बार काफी सतर्क हो गई है. परीक्षण, जीनोम अनुक्रमण और टीकाकरण पर जोर दिया गया है. क्या डेल्टा जैसी बूंदें ओमिक्रॉन के इस रूप को फैला देंगी, यह कितना गंभीर होगा और इससे बचने के लिए आम जनता को कौन से तरीके अपनाने चाहिए? इन सारे सवालों के जवाब फोर्टिस अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर अशोक सेठ ने बातचीत में दिए हैं.
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कितना खतरनाक है ओमिक्रॉन
डॉ सेठ ने बताया कि इस नए वेरिएंट में इतना वेरिएंट है जो डेल्टा में भी नहीं था. उन्होंने कहा, 'इस वायरस में कई म्यूटेशन हुए हैं. इतने म्यूटेशन डेल्टा में भी नहीं थे. इतने सारे म्यूटेशन के कारण वायरस ने अपना चेहरा बदल लिया है. वैक्सीन या पहले कोरोना संक्रमण के कारण हमारे शरीर में जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी थी, वह यह नहीं पहचान पा रही है कि यह वही वायरस है जिससे हमें लड़ना था और जिसके लिए हमारी एंटीबॉडी बनी थी. यह वैरिएंट डेल्टा से तीन गुना अधिक संक्रामक हो गया है.
इन लोगों को सावधान रहना होगा
डॉ. सेठ का कहना है कि भारत में दो वर्ग के लोग हैं जिनके लिए हमेशा चिंता रहेगी. पहली श्रेणी वे हैं जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, 'आपने देखा होगा कि जिन लोगों में ओमिक्रॉन पाया जा रहा है, वे सभी टीकाकरण कर रहे हैं और यात्रा कर रहे हैं. टीके रोग को गंभीर नहीं बनाते हैं. वैक्सीन कोरोना वायरस को फैलने से नहीं रोकता बल्कि जानलेवा स्थिति से बचाता है. दूसरी श्रेणी में इम्यूनोसप्रेस्ड, कैंसर, ट्रांसप्लांट के मरीज और हमारे समुदाय के बुजुर्ग शामिल हैं जिनकी वैक्सीन के प्रति प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है. इसलिए हमें और सावधान रहना होगा.
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क्या यह वायरस खतरनाक हो सकता है
डॉक्टर सेठ ने कहा, 'निश्चित रूप से यह वायरस खतरनाक हो सकता है. हो सकता है कि कुछ दिनों के बाद हमें इस बारे में बात करने को मिले कि कितने लोग आलोचनात्मक हो गए हैं. इसलिए इस बार इसे लेकर बिल्कुल भी ढिलाई बरतने की जरूरत नहीं है. यह मत सोचो कि हमारा जीवन सामान्य हो गया है. एक और 6 महीने प्रतीक्षा करें. डबल मास्क पहनकर ही बाहर निकलें. अगर आप कपड़े का मास्क पहन रहे हैं तो उसके नीचे सर्जिकल मास्क लगाकर बाहर जाएं, उसमें आपको 95 फीसदी सुरक्षा मिलेगी. नियमित रूप से हाथ धोएं, भीड़भाड़ से बचें और खुली जगहों पर रहें.
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