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कुछ दिनों को बाद दिवाली का त्योहार आने को है. ऐसे में दिवाली के साथ ही पटाखों और प्रदूषण पर चर्चा शुरू हो गई है. पटाखों के दीवानों को पटाखों का बेसब्री से इंतजार रहता है लेकिन कई राज्य सरकारों ने वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए जनता को पटाखे खरीदने और बेचने को मजबूर होना पड़ा. ऐसे में अब ग्रीन पटाखों की चर्चा हो रही है.
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हरे पटाखे क्या हैं?
हरे रंग के पटाखे विशेष रूप से तैयार किए जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि यह सामान्य पटाखों की तुलना में काफी कम प्रदूषण फैलाता है. यह सामान्य पटाखों की तरह दिखता है. ग्रीन क्रैकर्स तीन प्रकार के होते हैं - सेफ वाटर रिलीजर, सेफ थर्माइट क्रैकर और सेफ मिनिमल एल्युमीनियम क्रैकर्स. हरे पटाखों में एल्युमीनियम, बेरियम, पोटेशियम नाइट्रेट और कार्बन जैसे प्रदूषणकारी रसायन भी होते हैं, लेकिन कम मात्रा में. वहीं, कुछ हरे पटाखों में इन रसायनों का बिल्कुल भी उपयोग नहीं किया जाता है.
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हरे पटाखों के क्या फायदे हैं?
ग्रीन पटाखों में हानिकारक रसायन नहीं होते हैं जो वायु प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं. इसलिए इनकी मदद से वायु प्रदूषण को बढ़ने से रोका जा सकता है. वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित, हरे पटाखों से सामान्य पटाखों की तुलना में 30 प्रतिशत कम प्रदूषण होता है.
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