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देश में पेट्रोल और डीजल के वाहन चलते हैं. वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों का भी युग शुरू हो गया है. देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इस बीच डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की चर्चाएं सामने आ रही हैं. हालांकि पेट्रोलियम मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में डीजल से चलने वाले चारपहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश को सरकार ने अभी तक नहीं माना है.
समिति की रिपोर्ट
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने बुधवार को एक ट्वीट में इस समिति की सिफारिश पर स्थिति स्पष्ट की और कहा, 'मंत्रालय को ऊर्जा परिवर्तन पर गठित समिति की रिपोर्ट मिल गई है. भारत सरकार ने अभी तक समिति की इस रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया है. पिछले फरवरी में सरकार को सौंपी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 10 साल तक शहरी इलाकों में कोई भी नई डीजल बस नहीं चलाई जानी चाहिए.
ऊर्जा परिवर्तन
पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा, 'भारत वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है. ऊर्जा संक्रमण पर गठित समिति ने कम कार्बन वाले ईंधन को अपनाने के लिए व्यापक सुझाव दिए हैं. समिति का दृष्टिकोण भविष्योन्मुखी है.
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