दिल्ली के मेयर चुनाव के लिए आज तीसरी बैठक नाकामयाब रही. एक महीने में तीसरी बार आज हंगामे के चलते एमसीडी की कार्यवाही बाधित हुई है. एक बार फिर हंगामे के चलते सदन की बैठक स्थगित हो गई. दरअसल, पीठासीन अधिकारी ने आम आदमी पार्टी के दो विधायकों का वोटिंग राइट रद्द कर दिया, जिस पर हंगामा शुरू हो गया. दरअसल, पीठासीन अधिकारी ने एमसीडी सदन में कहा कि एल्डरमैन यानी मनोनीत पार्षद मेयर, डेप्युटी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव में भाग ले सकते हैं यानी वोट डाल सकते हैं. आप पार्षदों ने इसका विरोध किया.
सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी AAP
सदन की तीसरी बैठक स्थगित होने के बाद मेयर चुनाव कराने को लेकर आम आदमी पार्टी आज सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी. इस संबंध में आम आदमी पार्टी की नेत्री आतिशी ने कहा कि पार्टी आज ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी ताकि मेयर का चुनाव "अदालत की निगरानी में" हो सके.
वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि हमारा एक-एक पार्षद प्रक्रिया में भाग लेगा. सदन की बैठक 11 बजे की बजाय 11.45 पर शुरू हुई. इसके बाद पीठासीन अधिकारी ने एल्डरमैन को वोट डलवाने की बात कही. कल भी उनके घर जाकर एक पत्र दिया गया था. जिसमें एल्डरमैन से वोट न कराने की मांग की गई थी. मेयर और डिप्टी मेयर और स्थायी समिति का चुनाव एक साथ कराने का आदेश दिया वह भी गलत था. भाजपा पार्षदों ने उकसाने की कोशिश की. पहले की साजिश के तहत सदन को स्थगित किया गया.
वोटिंग से पहले जुबानी जंग तेज
चुनाव से पहले ही आज आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई. आप नेता आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर हमला बोला. आतिशी ने कहा कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे? इससे ज्यादा हास्यास्पद क्या होगा कि MLA, सांसद, पार्षद खरीदने वाली BJP कह रही है कि AAP भाजपा के पार्षद खरीदने की कोशिश कर रही है. BJP को कहना चाहती हूं, बहानेबाजी छोड़िए, मेयर का चुनाव होने दें, दिल्ली से जनादेश का सम्मान करें. आतिशी ने आगे कहा कि 10 साल से BJP जहां चुनाव हारती है, वहां पीछे के दरवाजे से सरकार बना लेती है. पहले उन्होंने गैरकानूनी तरीके से नॉमिनेटेड सदस्य और पीठासीन अधिकारी चुना. पिछली बार भी अपनी पीठासीन अधिकारी से चुनाव स्थगित करवाया. आज भी BJP हंगामा करके दिल्ली मेयर चुनाव को स्थगित करवाएगी.
दो बार नाकाम हो चुकी हैं कोशिशें
बता दें कि दिल्ली की नई मेयर चुनने के लिए एक नहीं दो बार कोशिशें की गई थीं. मगर फैसला किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा. पहली बार 6 जनवरी को तो वहीं एक 24 जनवरी को मेयर चुनाव करवाने का प्रयास किया गया. मगर अफसोस दोनों ही बार मेयर नहीं चुना जा सका.
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