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दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के चलते हालात पर काबू पाने के लिए कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं. वही वायु गुणवत्ता निगरानी आयोग ने इससे संबंधित आदेश जारी किए हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि दिल्ली-एनसीआर राज्यों के साथ बैठक कर सीएक्यूएम ने क्या फैसले लिए हैं.
1. थर्मल पावर प्लांट के संबंध में
राजधानी दिल्ली में 300 किमी के दायरे में 11 1. थर्मल पावर प्लांटों में से 16 30 नवंबर तक बंद रहेंगे. केवल 5 संयंत्र- एनटीपीसी, झज्जर; महात्मा गांधी टीपीएस, सीएलपी झज्जर; पानीपत टीपीएस, एचपीजीसीएल; काम नाभा पावर लिमिटेड टीपीएस, राजपुरा और तलवंडी साबो टीपीएस, मनसा में ही किया जाएगा. जो बिजली संयंत्र दिल्ली से 300 किलोमीटर के दायरे से बाहर होंगे, वे राजधानी की जरूरत को पूरा करेंगे.
2. स्कूलों और कॉलेजों के संबंध में
दिल्ली-एनसीआर में सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान अगले आदेश तक बंद रहेंगे. इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई की जाएगी.
3. कार्यालयों के संबंध में
दिल्ली-एनसीआर के सभी सरकारी और निजी दफ्तरों में काम करने वाले 50 फीसदी कर्मचारियों को ही आने की इजाजत होगी. शेष 50 प्रतिशत कर्मचारी 21 नवंबर तक वर्क फ्रॉम होम मोड में काम करेंगे.
4. निर्माण के संबंध में
21 नवंबर तक सभी प्रकार की निर्माण गतिविधियों पर भी रोक लगा दी गई है. हालांकि, रेलवे सेवा, मेट्रो सेवा, हवाई अड्डे और अंतरराज्यीय बस टर्मिनल, राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा से संबंधित निर्माण गतिविधियां जारी रहेंगी. यदि कोई व्यक्ति या संगठन सड़क किनारे निर्माण का मलबा फेंकता हुआ पाया जाता है तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा.
5. उद्योगों के संबंध में
एनसीआर में गैस क्षमता वाले सभी उद्योगों को जारी रखने की अनुमति है . किसी भी उद्योग को अस्वीकृत ईंधन का उपयोग करने की अनुमति नहीं है. यदि कोई उद्योग अस्वीकृत ईंधन का उपयोग करता है तो उसे बंद कर दिया जाएगा.
6. ट्रकों के प्रवेश के संबंध में
वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली में सभी ट्रकों के प्रवेश पर 21 नवंबर तक रोक लगा दी गई है. इसमें सिर्फ जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों को ही छूट दी गई है.
7. वाहनों के संबंध में
15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों को सड़कों पर नहीं चलने दिया जाएगा. ट्रैफिक टास्क फोर्स की टीमों को यातायात की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए व्यस्त क्षेत्रों में तैनात किया गया है. जल्द से जल्द सीएनजी बसों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं.
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