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देश में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक देने वाली है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि तीसरी लहर दूसरी लहर से ज्यादा घातक हो सकती है. वही तीसरी लहर को लेकर चिंता तब और बढ़ गई जब नीति आयोग ने तीसरी लहर की संभावना जताई है. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने जुलाई में सरकार को कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कुछ सुझाव दिए थे. जिसमें उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्रत्येक 100 कोरोना पॉजिटिव मामलों में से 23 मामले ऐसे होंगे कि अस्पताल में भर्ती होने की व्यवस्था करनी होगी. वही अगर बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण से संक्रमित होते हैं तो उनके लिए बाल चिकित्सा सेवाएं जैसे डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, वेंटिलेटर और एंबुलेंस जैसी सुविधाएं कहीं नहीं है.
तीसरी लहर दूसरी लहर से भी ज्यादा हो सकती है घातक
तीसरी लहर की आवाज को देखते हुए संभावित खतरे से निपटने के लिए नीति आयोग को पहले से ही चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था करने के लिए कहा जा रहा है. इसके साथ ही नीति आयोग का कहना है कि सरकार को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अलर्ट मोड पर रहने के लिए तैयार रहना होगा. आयोग का अनुमान है कि तीसरी लहर के दौरान हर दिन 4 से 5 लाख कोरोना पॉजिटिव केस मिलने की संभावना है. तैयारियों को लेकर आयोग का कहना है कि अगले एक महीने में दो लाख आईसीयू बेड तैयार कर लिए जाएं. इनमें वेंटिलेटर के साथ आईसीयू बेड, 10 लाख कोविड आइसोलेशन केयर बेड और अन्य जरूरी उपकरण की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए.
देश में कोरोना की क्या स्थिति है
वहीं, देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 30,948 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. देश में कोविड-19 के सक्रिय मरीजों की संख्या घटकर 3,53,398 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 1.09% है. देश में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,24,24,234 हो गई है.
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