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नागरिकता संशोधन यानी की CAA देशभर में लागू हो चुका है। 11 मार्च को केंद्र की मोदी सरकार ने इसे लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। CAA को लेकर संसद के दोनों सदनों में बिल पास होने के बाद भी पिछले 4 साल से यह कानून लागू नहीं हो पाया, लेकिन सोमवार को इसे लागू कर दिया गया है। इस कानून के लागू होने के साथ ही देश भर में प्रतिक्रियाएं शुरू हो चुकी है। बीजेपी और इससे जुड़े संगठन इस फैसले को ऐतिहासिक बता रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों ने इस कानून के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी है।
शाहीन बाग में फ्लैग मार्च
सीएए लागू करने के बाद से दिल्ली के कई हिस्सों में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है। इतना ही नहीं अर्धसैनिक बल के जवानों ने उत्तर पूर्वी हिस्सों, शाहीन बाग और अन्य संवेदनशील इलाकों में रात्रि के समय गश्त और फ्लैग मार्च किया है। अधिक जानकारी के लिए बता दें कि, 11 दिसंबर 2019 को जब संसद में CAA बिल पारित किया गया, तब दिल्ली सहित पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किए गए थे। इस दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया और शाहीन बाग आंदोलन का केंद्र बना हुआ था।
केरल में हुआ विरोध प्रदर्शन
CAA लागू होने के साथ ही केरल में सोमवार की रात में ही विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, त्रिशूर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोककर CAA के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। हालांकि पुलिस ने मामले को शांत करते हुए प्रदर्शनकारियों को ट्रेन से हटाया। इतना ही नहीं फ्रेटानिटी पार्टी के समर्थकों ने भी कोझिकोड में अचानक प्रोटेस्ट कर दिया, इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
असम में लगी धारा 144
असम के सोनितपुर जिले में कानून-व्यवस्था से जुड़ी संवेदनशील स्थिति को देखते हुए धारा 144 लागू किया गया है। पुलिस को यह संदेह है कि, यहां की शांति-व्यवस्था बिगड़ सकती है। वही, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने CAA का विरोध करने वालों को सुप्रीम कोर्ट जाने की सलाह दी है। उन्होंने यह कहा है कि, सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन करने से कुछ नहीं होगा।
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