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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है. आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए यूपी पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. इस हत्याकांड में शामिल एक आरोपी को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. इस बीच पुलिस ने एक्शन लेते हुए आरोपियों की संपत्तियों पर बुल्डोजर कार्रवाई भी शुरु कर दी है.
मिल रही ताजा जानकारी के मुताबिक, खालिद जफर नाम के एक शख्स के 2 से ढाई करोड़ की संपत्ति पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चल रही है. बुलडोजर एक्शन के दौरान आसपास के रास्तों को पुलिस ने बंद कर रखा है.
अतीक अहमद के करीबी पर बुलडोजर की कार्रवाई
बताया जा रहा है कि अतीक के करीबी जफर अहमद के घर से 2 विदेशी बंदूक समेत एक तलवार भी मिली है. बता दें कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण के दस्ते के साथ भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में ये बुल्डोजर कार्रवाई की जा रही है. कार्रवाई धूमनगंज क्षेत्र में अतीक अहमद के करीबी जफर खालिद के मकान पर हो रही है. मौके पर जिला प्रशासन, पीडीए और नगर निगम की संयुक्त टीम के साथ भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है. सबसे पहले बुलडोजर ने घर की बाउंड्री को ध्वस्त किया गया है. मकान जिस इलाके में है वह घनी आबादी वाला क्षेत्र है.
अफर के घर में छिपे थे आरोपी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी इसी संपत्ति में छिपे हुए थे. इसके बाद आरोपी फरार हो गए थे. अब तक एक आरोपी को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है. इसी के साथ एक साजिश कर्ता आरोपी सदाकत खान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
इन लोगों पर होगी कार्रवाई
उमेश पाल हत्याकांड के दौरान जिन लोगों ने मदद की उन सभी पर गाज गिरने वाली है. उनके मकान तेलियरगंज, चकिया, धूमनगंज,सुलेमसराय दरियाबाद, करेली, हरवारा, जयंतीपुर, सदियापुर, मुंडेरा, अटाला, झलवा, दायराशाह अजमल, कसारी-मसारी, गद्दोपुर, मिनहाजपुर, महमदपुर क्षेत्र में है. ये लोग उमेश पाल की हत्या में शामिल अपराधियों व उनको मदद पहुंचाई थी. इनके मकानों को पुलिस ने अब निशाने पर लिया है.
अपराधियों को मिट्टी में मिला देंगे: सीएम योगी
इससे पहले विधानसभा में सीएम योगी ने कहा कि राज्य में जो अपराधी और माफियां हैं वो किसके द्वारा पाले गए हैं. वो सभी सपा के द्वारा पाले गए हैं. मुख्यमंत्री ने चेतावनी भरे लजहे में कहा कि माफियाओं को मिट्टी में मिला दूंगा. प्रयागराज की घटना पर सरकार ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के आधार पर कार्य कर रही है.
बीते दिनों उमेश पाल की हुई थी हत्या
बता दें कि उमेश पाल, साल 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में अहम गवाह थे. इस मामले में अतीक पर आरोप था, जिसकी सुनवाई चल रही थी. बीते दिनों उमेश पाल की गोली और देसी बम से हमला कर सरेआम हत्या कर दी गई थी. इस दौरान उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात यूपी पुलिस के गनर की भी मौत हो गई थी तो वहीं दूसरे गनर की हालत गंभीर बनी हुई है.
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