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बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमों मायावती ने रामपुर विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच अंदरूनी मिली भगत का बड़ा आरोप लगाया है. मायावाती ने आरोप लगाते हुए कहा कि, सपा ने बीजेपी से मिल कर चुनाव लड़ी जिससे सपा के उम्मीदवार को हारना पड़ा और बीजपी के प्रत्याशी की जीत हुई. मायावती ने मुस्लिम समाज से अपील की कि वे चिंतन करें और आने वाले चुनाव में धोखा नहीं खाएं. माना जा रहा है कि मुस्लिमों को अपने पाले में लाने के लिए मायावती ने ये बयान दिया है.
मायावती का बयान ऐसे वक्त पर आया है जब सपा के दिग्गज नेता आजम खान के गढ़ रामपुर सदर सीट पर उपचुनाव में सपा को हार मिली है. यहां पर भारतीय जनता पार्टी के आकाश सक्सेना ने सपा के प्रत्याशी आसिम राजा को लगभग 32,000 वोटों से हरा दिया.
मायावती ने सिलसिलेवार तरीके से दो ट्वीट किया है.
SP-BJP के मिली भगत का आरोप
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने पहले में ट्वीट में लिखा है कि, यूपी के मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा की हुई जीत किन्तु रामपुर विधानसभा उपचुनाव में श्री आज़म ख़ान की ख़ास सीट पर योजनाबद्ध कम वोटिंग करवा कर सपा की पहली बार हुई हार पर यह चर्चा काफी गर्म है कि कहीं यह सब सपा व भाजपा की अन्दरुनी मिलीभगत का ही परिणाम तो नहीं?
मुस्लिम समाज को काफी चिंतन करने की जरूरत है: मायावती
वहीं बसपा सुप्रीमों ने दूसेर अपने ट्वीट में कहा है कि, इस बारे में ख़ासकर मुस्लिम समाज को काफी चिन्तन करने व समझने की भी ज़रूरत है ताकि आगे होने वाले चुनावों में धोखा खाने से बचा जा सके. खतौली विधानसभा की सीट पर भाजपा की हुई हार को भी लेकर वहाँ काफी सन्देह बना हुआ है, यह भी सोचने की बात है.
समाजवादी पार्टी ने किया पलटवार
मायावती के बयान का पलटवार करते हुए समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने कहा कि बीएसपी बीजेपी की ‘बी टीम’ के रूप में काम करती है और हर चुनाव में वो अपने वोट बीजेपी को दिलाने की हर संभव कोशिश करती है. हालांकि, इस बार के उपचुनाव में उसकी यह कोशिश कामयाब नहीं हो सकी. लोगों ने बीएसपी की मंशा को समझकर उसे खारिज कर दिया है.
बीजेपी विधायक ने भी की आलोचना
वहीं रामपुर से निर्वाचित बीजेपी के विधायक आकाश सक्सेना ने मायावती के ट्वीट की आलोचना की. उन्होंने कहा कि 2022 में हुए रामपुर के लोकसभा उपचुनाव में रामपुर सदर विधानसभा सीट पर 31.5 फीसदी वोटिंग हुई थी, जबकि बीते 5 दिसंबर को विधानसभा उपचुनाव के दौरान यहां 35 फीसदी वोट पड़े. इसलिए यह कहना गलत है कि रामपुर में जानबूझकर कम वोटिंग कराई गई.
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