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सपा के विरोधी रहे बाहुबली धनंजय सिंह अब मैनपुरी में करेंगे डिंपल का प्रचार

जनता दल यूनाइटेड ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रचार करने की जिम्मेदारी पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनजंय सिंह को सौंपी है.

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By विपिन यादव | खबरें - 30 November 2022

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर सियासी समीकरण लगातार बदल रहा हैं. एक तरफ मुलायम सिंह यादव की विरासत को बचाने के लिए पूरा यादव परिवार एकजुट होकर प्रचार प्रसार कर रहा है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी सपा के गढ़ को जीतने की कोशिश में पूरी ताकत झोंक दी है. इस बीच जनता दल यूनाइटेड ने सपा उम्मीदवार डिंपल यादव का समर्थन करने का फैसला लिया है. 

धनंजय को JDU ने सौंपी जिम्मेदारी

जनता दल यूनाइटेड ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रचार करने की जिम्मेदारी पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनजंय सिंह को सौंपी है. धनजंय सिंह जेडीयू के राष्ट्रीय महा सचिव हैं और मैनपुरी में डिंपल यादव का प्रचार करेंगे और वोट  मांगेंगे.

सपा के विरोधी रहे हैं धनंजय सिंह

पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह कभी समाजवादी पार्टी के विरोधी रहे हैं. यूपी विधानसभा चुनाव में मल्हनी सीट से समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रहे  पारस नाथ यादव बेटे लकी यादव ने धनंजय को हराया था. बता दें कि धनंजय सिंह की राजनीति में एंट्री साल 2002 में हुई थी, जब उन्होंने रारी विधानसभा से जीत दर्ज की थी. इसके बाद साल 2007 के चुनाव में रारी विधानसभा से जेडीयू के टिकट पर दोबारा विधायक चुके गए. इसके बाद साल 2009 में बसपा के टिकट पर सांसद बने और रारी विधानसभा पर हुए उपचुनाव में अपने पिता को जीत दिलाई.

5 दिसंबर को मैनपुरी में है चुनाव

मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. वहीं 8 दिसंबर को मतगणना होगी. बता दे कि सपा ने डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया है. जबकि बीजेपी ने रघुराज सिंह शाक्य को चुनावी मैदान में उतारा है. 

मैनपुरी की लोकसभा सीट पर  जातीय समीकरण

मैनपुरी में अगर वोटों के गणित को समझा जाए तो यहां तकरीबन 17 लाख के आसपास लोकसभा के कुल वोटर हैं. इनमें सबसे ज्यादा ओबीसी वोट बैंक लगभग 45 फीसदी है. इसमें भी सबसे ज्यादा यादव वोट बैंक मैनपुरी में है जो लगभग 4 लाख 30 हजार से ज्यादा है. मुस्लिम वोट बैंक की बात करें तो वह भी लगभग 70 हजार के आसपास है. इस तरह समाजवादी पार्टी इन दोनों वोट बैंक के आधार पर अपने पक्ष में 5 लाख वोट मान रही हैं.

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