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अंकिता हत्याकांड में झारखंड हाईकोर्ट ने डीजीपी को पीड़ित परिवारों को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया है. साथ ही जल्द चार्जशीट दाखिल करने को कहा है. साथ ही इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा गया है.
दुमका की छात्रा अंकिता को पेट्रोल छिड़क कर जिंदा जलाने के मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका में तब्दील कर दिया. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने डीजीपी को अंकिता के परिवार के सदस्यों को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया है. साथ ही जल्द चार्जशीट दाखिल करने को कहा है. उच्च न्यायालय ने कहा कि यह एक अमानवीय घटना है और वह व्यक्तिगत रूप से इस मामले की निगरानी करेगा. पीड़ितों की जान बचाने के लिए अधिकारियों को तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए थी. कोर्ट ने पूछा कि अंकिता को इलाज के लिए रिम्स लाने में समय क्यों बर्बाद किया, उस दौरान एम्स देवघर में इलाज क्यों नहीं कराया गया? इस बिंदु पर केंद्र को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया था। राज्य सरकार से भी जवाब मांगा गया है. अगली सुनवाई नौ सितंबर को होगी. खंडपीठ के निर्देश पर डीजीपी नीरज सिन्हा हाजिर हुए.
अंकिता हत्याकांड के दो आरोपी शाहरुख हुसैन और उनके सहयोगी मो नईम को जेल भेज दिया गया है. एसपी अंबर लकड़ा के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है. टीम को शोध कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है. सुनवाई के लिए न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करें.
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