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केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को बैन कर दिया है. पीएफआई समेत इसके 8 आठ सहयोगी संगठनों पर भी सरकार ने 5 साल का बैन लगा दिया है. गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में पीएफआई के सारे कारनामों का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दिया गया है. जांच एजेंसी NIA और ED के दो दिन के छापेमारी के बाद पीएफआई के कम से कम 250 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जांच एजेंसियों के रेड में ऐसे कई सबूत मिले जिससे पीएफआई के टेरर लिंक की पुष्टि होती है. गृह मंत्रालय के मुताबिक, पीएफआई और उसके सहयोगी संघठनों का संबंध इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से है. इतना ही नहीं ये संगठन देश में एक विशेष समुदाय को बढ़ावा दे रहा है.
पीएफआई से जुड़े संगठनों पर भी प्रतिबंध
गृह मंत्रालय ने पीएफआई को 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया है. सरकार ने पीएफआई के अलावा इसके 8 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है. गृह मंत्रालय का कहना है कि, पीएफआई ने समाज के विभिन्न वर्गों, युवाओं, छात्रों और कमजोर वर्गों को टारगेट करने के लिए सहयोगी संगठनों की स्थापना की है.
इसका मात्र एक उद्देश्य प्रभाव और फंड जुटाने की छमता को बढ़ाना है. इसके सहयोगी संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल जैसे सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है.
ISIS से लिंक
गृह मंत्रालय ने बताया कि , पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सीमी) के नेता रहे हैं और पीएफआई का संबंध जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश से भी रहा है. ये दोनों ही प्रतिबंधित संगठन हैं. इससे जुड़ी संस्थाएं देश में असुरक्षा की भावना पैदा कर कट्टरपंथ को बढ़ाने का काम कर रही हैं. पीएफआई के वैश्विक आतंकवादी समूहों जैसे इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया के साथ अंतरराष्ट्रीय संपर्क के कई उदाहरण हैं.
5 साल तक के लिए बैन करने की जानें 5 वजहें
1. इंटरनेशनल टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन इस्लामिक स्टेट ऑफ सीरिया एंड इराक से कनेक्शन.
2. राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप.
3. देश की संवैधानिक शक्तियों को चुनौती देना और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करना.
4 .देश में भिन्न विचार रखने वाले लोगों और संस्थाओं के खिलाफ हिंसात्मक रवैया.
5. आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने और आतंकी संगठनों के लिए फंड इकट्ठा करना.
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