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उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने देहरादून के गांधी पार्क में बुधवार रात और बृहस्पतिवार को शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे बेरोजगारों और छात्रों पर लाठीचार्ज के विरोध में बड़ा ऐलान किया है. दरअसल उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने शुक्रवार को प्रदेश बंद का आह्वान कर दिया है. इसको देखते हुए देहरादून में परेड ग्राउंड के तीन सौ मीटर दायरे में धारा 144 लागू की गई है.
हल्द्वानी के बुध्द पार्क में पुलिस फोर्स भारी संख्या में तैनात हैं. लाठीचार्ज के विरोध में हल्द्वानी में युवाओं ने गीता पाठ शुरू कर दिया है. वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार रात और गुरुवार को हुए लाठीचार्ज, पथराव के मैजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने अफसरों से विस्तृत जांच आख्या तलब की है.
नकल रोकने के लिए कड़ा कानून बनाएंगे; धामी
पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘हमारी सरकार प्रदेश के युवाओं के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह सजग है. हमने किसी भी भर्ती घोटाले को न तो दबाया है न छुपाया है. जितने भी मामले आए, उनकी जांच कराकर दोषियों को जेल भेजा है. हमारी सरकार ने यह पहले ही तय कर लिया था कि भर्ती परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए कड़ा कानून बनाएंगे. युवाओं से अपील है कि किसी के बहकावे में न आएं. सीएम धामी ने कहा हमने तय किया है कि उत्तराखंड में सबसे सख़्त नकल विरोधी क़ानून लागू किया जाए. इस हेतु सख़्त नक़ल विरोधी कानून का अध्यादेश हमने कल राजभवन भेज दिया है, जल्द ही यह लागू हो जाएगा.
पुलिस ने छात्रों पर किया था लाठीचार्ज
दरअसल, प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली का आरोप लगाते हुए लंबे समय से युवा CBI जांच की मांग कर रहे हैं. बुधवार को गांधी पार्क में धरने पर बैठे छात्रों को पुलिस ने जबरन उठाया था. इस दौरान छात्रों से हुई झड़प के बाद पुलिस ने लाठियां बरसाई थीं. इसके विरोध में गुरुवार को तमाम छात्र सड़कों पर उतर आए. पुलिस के समझाने पर भी लोग नहीं माने. तभी किसी ने पथराव शुरू कर दिया. इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया.
पूरे देश में आक्रोश
संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि प्रदेश भर के बेरोजगार और छात्र अपनी जायज मांगो को लेकर सत्याग्रह कर रहे थे. लेकिन, पुलिस ने बुधवार की रात और फिर बृहस्पतिवार को युवाओं के साथ जो बर्बरता की है, उससे पूरे प्रदेश में आक्रोश है.
बेरोजगार संगठन की क्या है मांगे?
1. हाईकोर्ट के जज की निगरानी में भर्ती धांधली की CBI जांच हो.
2. नकलचियों के नाम सार्वजनिक किए जाएं.
3. आयोग के अधिकारियों-कर्मचारियों की निष्पक्ष जांच की जाए.
5. 12 फरवरी को होने वाली पटवारी परीक्षा टाली जाए.
6. नकल विरोधी कानून आने तक कोई भी भर्ती परीक्षा न हो.
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