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दो साल से अटकी सेना की भर्ती, देश सेवा के इंतजार में युवाओं की हो रही उम्र ज्यादा. हरियाणा के भिवानी के तालू गांव में रहने वाले 23 साल के पवन पंघाल ने दो हफ्ते पहले आत्महत्या कर ली थी. पवन पंघाल ने आत्महत्या इसलिए की क्योंकि उनका बचपन का सपना टूट गया था, पवन शुरू से ही सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था. उसने मेडिकल से लेकर फिटनेस तक का सारा टेस्ट पास कर लिया था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते 2 साल से सेना की भर्ती रुकी हुई थी और वो ओवरएज हो गया था.
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पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पवन के रूप में पहचाने जाने वाले युवक ने अपने पैतृक गांव तालु में एक खेल के मैदान में एक पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली, खेल के मैदान में जहां वह पिछले कई सालों से सेना में भर्ती के लिए दौड़ लगाया करते थे. दो-तीन बार उन्होंने सेना भर्ती के लिए फिजिकल फिटनेस परीक्षा पास की लेकिन अंतिम कट-ऑफ में जगह नहीं बना सके.वह अपने शेष प्रयासों में अंतिम कट ऑफ करने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन भर्ती प्रक्रिया को कोविड -19 महामारी के कारण रोक दिया गया था, जिसके कारण उन्होंने आयु सीमा को पार कर लिया था.
बुधवार शाम को पवन ने अपने पिता से कहा था कि अधिक उम्र होने के बाद उसके जीवन में कोई लक्ष्य नहीं बचा था. लेकिन उनके पिता ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. जिसके बाद गुरुवार सुबह पवन का शव पेड़ से लटका हुआ देखा गया. जिस ट्रैक पर पवन दौड़ते थे, उस पर हिंदी में दो पंक्तियाँ लिखी हुई मिलीं: "बापू इस जनम में नहीं बन सका, अगला जन्म लिया तो फौजी जरूर बनुंगा, लेकिन मैं एक दिन बन जाऊंगा अगर मैं फिर से पैदा हुआ".
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