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बुधवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि पंचतत्व में विलीन हो गए. उनकी अंतिम इच्छा थी कि उन्हें बाघम्बरी मठ में नींबू के पेड़ के नीचे उन्हें समाधि दी जाए और वैसा ही हुआ. उनके अंतिम संस्कार के दौरान बाघम्बरी मठ में बड़ी संख्या में साधु-संत वहां मौजूद थे. समाधि से पहले उनके पार्थिव शरीर को संगम ले जाकर गंगा स्नान कराने के बाद नगर भ्रमण करवाते हुए मठ बाघम्बरी गद्दी लाया गया, जहां उन्हें परंपरागत तौर पर पंचतत्व में विलीन होने से पहले उनका अभिषेक किया गया, उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को समाधि दी गई.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज सुबह ही उनका पोस्टमार्टम हुआ था जिसमें ये बात सामने आई कि उनकी मौत की वजह फांसी लगाने से हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक मौत का प्रथम कारण है- 'फांसी के कारण दम घुटने'. अधिकारियों ने आगे की जांच के लिए विसरा सुरक्षित रखा है. उनका पोस्टमार्टम प्रयागराज के स्वरुप रानी मेडिकल कॉलेज में हुआ.
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