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हाथरस कांड में 4 आरोपियों में 3 बरी, एक को यूपी कोर्ट ने दोषी ठहराया

14 सितंबर 2020 में हाथरस के बूलगढ़ी में युवती के साथ गैंगरेप किया गया था. 29 सितंबर 2020 को युवती ने दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था.

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By विपिन यादव | खबरें - 02 March 2023

उत्तर प्रदेश के हाथरस का बहुचर्चित दुष्कर्म और हत्या केस में आज एक अहम फैसला आया है. कोर्ट ने इस मामले में तीन आरोपी को बरी कर दिया है जबकि एक आरोपी संदीप को दोषी करार दिया है. बताया गया है कि मामले में चार आरोपियों संदीप (20), रवि (35), लव कुश (23) और रामू (26) को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था. कोर्ट ने मुख्य आरोपी संदीप सिंह को 304(ग़ैर इरादतन हत्या) , SC-ST एक्ट में दोषी करार दिया गया है. संदीप सिंह की सज़ा पर कुछ देर के बाद फ़ैसला आएगा. 

14 सितंबर 2020 में हुई थी घटना 

14 सितंबर 2020 में हाथरस के बूलगढ़ी में युवती के साथ गैंगरेप किया गया था. 29 सितंबर 2020 को युवती ने दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था. 29 सितंबर की देर रात ही यूपी प्रशासन ने परिजनों के मर्ज़ी के ख़िलाफ़ युवती का अंतिम संस्कार कर दिया था. इसके बाद  मामले ने तूल पकड़ लिया और काफी हंगामा हुआ था. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, भाीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद समेत देशभर के नेता, संगठनों से जुड़े लोग बूलगढ़ी पहुंचे थे

पीड़ित परिवार संतुष्ट नहीं 

वहीं लड़की के परिवार वालों का कहना है कि वह कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि वह मामले को लेकर उच्च न्यायालय में अपील करेगा.

मामले में हुई थी सीबीआई जांच 

सीबीआइ ने इस मामले में 67 दिन की जांच के बाद 18 दिसंबर 2020 को चारों आरोपितों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की धाराओं में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की. 4 जनवरी 2021 को पहली सुनवाई हुई। सीबीआइ ने 104 लोगों को गवाह बनाया था, जिनमें से 35 लोगों की गवाही हुई थी.

जब न्याय मिलेगा तब अस्थियों का विसर्जन करेंगे: पीड़ित परिवार 

फैसले से पहले पीड़ित पक्ष की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा, "लगभग ढाई साल से पीड़िता का परिवार न्याय के लिए लड़ाई लड़ रहा है. यहां तक कि परिवार ने अपनी बेटी की अस्थियां अभी तक संभालकर रखी हुई हैं. वे कहते हैं कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा. वे अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे. जिस दिन न्याय मिलेगा, उस दिन बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी.


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