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बिहार के बक्सर-आरा के बीच रघुनाथपुर के पास बुधवार की रात भीषण ट्रेन हादसा हो गया. दिल्ली से गुवाहाटी जा रही आनंद विहार कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस की सभी बोगियां पटरी से उतर गईं, जिनमें से दो बोगियां पलट गईं. इस रेल हादसे में चार लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इनमें से 20 लोगों को पटना रेफर कर दिया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. ऐसे में मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है.
ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू
बिहार रेल हादसे की खबर मिलते ही पुलिस प्रशासन और 15-20 किलोमीटर दूर के गांवों से लोग दौड़ पड़े और जो भी साधन मिल सका, उसका इस्तेमाल कर वहां पहुंचे. ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू किया गया. अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू में काफी दिक्कत आई. टॉर्च की रोशनी में कोच में फंसे लोगों को निकाला गया और अस्पताल भेजा गया.
शवों की तलाश जारी
सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक इस हादसे में करीब 300 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. कई हफ्तों तक शवों की तलाश जारी रही, जबकि आज भी कुछ लोगों का पता नहीं चल सका. उस घटना को याद कर आज भी कई लोग ट्रेन में चढ़ने से डरते हैं.
ज्यादा लोगों की मौत
आज से 21 साल पहले 10 सितंबर 2002 को बिहार के रफीगंज के पास धावा नदी पर बने पुल पर तेज रफ्तार राजधानी एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी, जिसमें 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हो गए थे.
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