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अंतरिक्ष में राकेश शर्मा के अनसुने किस्से

13 जनवरी, 1949 को भारत के पटियाला में जन्में राकेश शर्मा ने भारतीय वायु सेना से लेकर अंतरिक्ष में जाने तक का सफर तय किया. तो आइए जानतें हैं इस अंतरिक्ष के नायक के बारे में दिलचस्प बातें

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By Taniya Instafeed | खबरें - 13 January 2024

सबसे पहले हैपी बर्थडे टू राकेश शर्मा, आज उनके बर्थडे पर हम उनके बारे में बात करने वाले हैं. जी हां राकेश शर्मा, यह नाम अंतरिक्ष के अनुसंधान में मील के पत्थर के रूप में याद किया जाता है. यही वो शख्स थे जिन्होंने भारत को ग्लोबल मंच पर अलग पहचान दिलाई थी. 13 जनवरी, 1949 को भारत के पटियाला में जन्में राकेश शर्मा ने भारतीय वायु सेना से लेकर अंतरिक्ष में जाने तक का सफर तय किया. तो आइए जानतें हैं इस अंतरिक्ष के नायक के बारे में दिलचस्प बातें:-

राकेश शर्मा को 20 सितंबर,1982 में एक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और सोवियत इंटरकॉसमॉस अंतरिक्ष कार्यक्रम के बीच एक भाग के रूप में अंतरिक्ष यात्री बनने और अंतरिक्ष में जाने के लिए चुना गया था.

अंतरिक्ष में ले गए थे भारतीय व्यंजन
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वह वास्तव में मैसूर में स्थित डिफेंस फूड रीसर्च लेबोरेटरी की मदद से अंतरिक्ष में सभी के लिए इंडियन फूड ले गए थे.

उन्होंने सूजी का हलवा, आलू छोले और सब्जी के साथ साथ पुलाव भी पैक करवाया था. जिसे उन्होंने अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों यानी की मालिशेव और स्ट्रेकालोव के साथ शेयर भी किया था.

कितने दिन बिताए थे अंतरिक्ष में?
साथ ही उन्होंने अंतरीक्ष में 7 दिन, 21 घंटे और 40 मिनट बिताए. हालांकि, उनका काम बायो-मेडिसिन और रिमोट सेंसिंग की फील्ड में था.

अंतरिक्ष में रहते हुए, पूरे क्रू ने मॉस्को में अधिकारियों और तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ एक टेलीविज़न समाचार कॉन्फ्रेंस आयोजित किया था. जब राकेश शर्मा से पूछा गया था कि अंतरिक्ष से भारत को कैसे देखती थीं, तो इस पर उनका जवाब था "सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमारा..."

इसके साथ ही वह अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले 128वें व्यक्ति बने और भारत अंतरिक्ष में किसी व्यक्ति को भेजने वाला 14वां देश बन गया.

फिर कुछ साल बाद ही वह टेस्ट पायलट के तौर पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) का पार्ट बन गए. और इसके बाद शर्मा को उनके साथी अंतरिक्ष यात्री मालिशेव और स्ट्रेकालोव के साथ अशोक चक्र से भी सम्मानित किया गया था. यह पहली और एकमात्र बार था जब विदेशियों को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था.

अंतरिक्ष अनुसंधान को लेकर राकेश शर्मा की छाप और एविएशन में भारत की क्षमताओं को आगे बढ़ाने के लिए उनकी कमिटमेंट नए जनरेशन को मोटिवेट करती रहेंगी.

तो यह थी राकेश शर्मा के बारे में कुछ दिलचस्प बातें. ऐसी ही और भी इंफॉर्मेटिव आर्टिकलस को पढ़ने के लिए बने रहें इंस्टाफीड के साथ.


 





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