गुरु नानक जयंती हर साल कार्तिर पूर्णिमा को मनाई जाती है. यह दिन सिख समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है. गुरु नानक जयंती के शुभ अवसर पर देशभर के सभी गुरुद्वारों में विशेष रौनक देखने को मिलती है. इस दिन गुरुद्वारे को रंग-बिरंगी रोशनी और फूलों से सजाया जाता है. इसके साथ ही कीर्तन, पाठ का आयोजन किया जाता है और प्रभातफेरी भी निकाली जाती है. गुरु नानक जयंती को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है.
नानक जी का जन्म स्थान
मान्यताओं के अनुसार गुरु नानक जी का जन्म कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हुआ था। उनका जन्म 1469 में पंजाब प्रांत के तलवंडी में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है. नानक जी का जन्म स्थान अब नानकाना साहिब के नाम से जाना जाता है. यह स्थान सिख समुदाय के लोगों के लिए बहुत पवित्र माना जाता है.
सिखों का पहला गुरु
मान्यताओं के अनुसार गुरु नानक जी ने सिख धर्म की नींव रखी थी, इसलिए उन्हें सिखों का पहला गुरु माना जाता है. यह नानक जी ही थे जिन्होंने पवित्र शब्द इक ओंकार लिखा था. सिखों के लिए इस गुरुवाणी का बहुत महत्व है. आपको बता दें कि इस साल गुरु नानक जयंती 27 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी.
ज्ञान का प्रकाश फैलाने का काम
गुरु नानक जी ने अपना जीवन समाज को समर्पित कर दिया था. उन्होंने जातिवाद को मिटाने और लोगों को एकता के सूत्र में बांधने का उपदेश दिया. नानक जी ने समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाने का काम किया था, इसीलिए गुरु नानक जयंती को रोशनी के त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है.
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