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केरल में वेस्ट नाइल फीवर के मामले आए दिन बढ़ते ही जा रहे हैं, ताजा रिपोर्ट की बात करें तो स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मंगलवार 7 मई को अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान जिला अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि गतिविधियों को बढ़ाया जाए और मच्छरों के प्रजनन को कंट्रोल करने के लिए साफ सफाई अभियान पर फोकस किया जाए।
वेस्ट नाइल फीवर के लक्षण
- बुखार और खुजली
- मांसपेशियों में दर्द
- उल्टी या मतली
- दस्त
- सर दर्द के साथ मेमोरी वीक होना।
- चक्कर आना
चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान
बता दें कि, जिला प्रशासन और सरकारी निकाय सफाई अभियान के निर्देश दे चुके है। इसके अलावा जिला वेक्टर नियंत्रण इकाई ने सैंपल भी इकट्ठा किए हैं, जिसे परीक्षण के लिए भेजा गया है। इतना ही नहीं इस तरह के बुखार से बचने के लिए जागरूकता अभियान को मजबूत बनाया गया है।
क्या है वेस्ट नाइल फीवर ?
इस बीमारी के बारे में जाने तो यह एक मच्छर से जन्म लेने वाली बीमारी है। इंसान को यह बीमारी संक्रमित मच्छर के काटने से होती है। इस बीमारी को फैलाने वाली प्राथमिक प्रजाति क्यूलेक्स पिपियांस है। यह वायरस कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों तक व्यक्ति के शरीर में रहता है।
बचाव
- शाम के समय में मच्छरों का झुंड घर में घुस जाता है, ऐसे में अगर एक भी मच्छर आपको काटे तो वायरस का खतरा बढ़ जाता है। इससे पहले आप घर की खिड़की दरवाजे बंद कर दीजिए।
- मार्केट में मच्छरों को करने के लिए कई तरह के स्प्रे मौजूद हैं घर से बाहर जाने से पहले आप उसे इस्तेमाल करके जाएं ताकि, मच्छरों के काटने का असर ना हो।
- शाम के समय में मच्छरों का झुंड सर पर मंडराने लगता है, ऐसे में बाहर जाते समय आपको भरपूर कपड़े पहन कर निकलना चाहिए ताकि, आपकी त्वचा ढकी रहे।
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