सर्दियां आते ही संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सर्दी, खांसी, बुखार और वायरल के साथ-साथ तेज ठंड का असर आंखों पर भी पड़ता है। हमारी आंखें बेहद नाजुक होती हैं और हमेशा हमें उनकी देखभाल करनी चाहिए। सर्दियों के मौसम में ठंडी हवा हल्का धूप होने के कारण हमारी आंखें शुष्क हो जाती हैं इस तरह से हमारी आंखों के सामने हल्का धुंध नजर आता है, बेचैनी, आखों से पानी आना इस तरह की समस्याएं होती हैं। इस संबंध में नेत्र विशेषज्ञ कुछ सुझाव देते हैं जिससे आंखों की उचित देखभाल की जा सकती है।
इनडोर हीटिंग सिस्टम
सर्दियों में शुष्क हवा और इनडोर हीटिंग सिस्टम के कारण आंखें शुष्क हो सकती हैं। इसलिए आंखों में नमी बनाए रखनी चाहिए। इसके लिए आई ड्रॉप का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे जलन की समस्या से भी राहत मिलती है.
धूप का चश्मा
सर्दी ठंडी हवाएं और बर्फ लाती है, जो आंखों के दुश्मन हैं। इनसे आंखों को बचाना चाहिए। आंखों को हानिकारक यूवी किरणों से बचा सकता है और बर्फ के प्रभाव को कम कर सकता है। आप चाहें तो यूवी प्रोटेक्शन वाला धूप का चश्मा पहन सकते हैं।
आंखों की सेहत
आंखों को स्वस्थ रखने के लिए आहार में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होने चाहिए। भोजन में विटामिन ए, सी और ई के साथ-साथ ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए। ये पोषक तत्व आंखों को बहुत स्वस्थ रखते हैं और मैक्यूलर डिजनरेशन जैसी स्थितियां नहीं होती हैं। सर्दियों में लोग पानी पीना कम कर देते हैं, जिसका सीधा असर आंखों की सेहत पर पड़ता है। इसलिए डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। इससे आंखों का सूखापन, जलन और खुजली जैसी समस्याएं ठीक हो सकती हैं।
स्क्रीन टाइम कम
सर्दी के मौसम में स्क्रीन टाइम बढ़ जाता है। ऐसे में इसे कम करने पर ध्यान देना चाहिए. बार-बार मोबाइल, टीवी, लैपटॉप देखने से आंखों पर जोर पड़ता है। स्क्रीन टाइम कम करने का 20-20-20 फॉर्मूला याद रखना चाहिए और उसका सख्ती से पालन करना चाहिए। इसमें हर 20 मिनट में कम से कम 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर किसी चीज को देखना चाहिए।
मोतियाबिंद के लक्षणों में धुंधली दृष्टि
आंखों को स्वस्थ रखने के लिए उचित रोशनी भी महत्वपूर्ण है। सर्दियों में धूप कम होने से घर या ऑफिस में अच्छी रोशनी होने से आंखों पर दबाव नहीं पड़ता और तनाव भी नहीं बढ़ता। यदि मोतियाबिंद के लक्षणों में धुंधली दृष्टि या प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता शामिल है, तो मोतियाबिंद सर्जरी तुरंत की जानी चाहिए। चूंकि सर्दी इसके लिए सबसे अच्छा समय है, इसलिए इसमें देरी से बचना चाहिए। क्योंकि थोड़ी सी भी लापरवाही रोजमर्रा के कामकाज पर असर डाल सकती है।
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