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सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है अब लोगों ने अंगीठी जलाना भी शुरू कर दिया है। इस मौसम में कोयला या चूल्हा जलाकर सर्दियों से राहत पाने के लिए लोग उनके सामने बैठते हैं। गांव देहात में ज्यादातर ऐसा किया जाता है, ताकि ठंड से बचा जा सके। आपको थोड़ी देर की राहत तो देते हैं, लेकिन जान का खतरा भी हो सकता है। सर्दियों में अंगीठी जलाने से बचना चाहिए इसका धुआँ भी जानलेवा होता है।
बंद कमरे में न जलाएं अंगीठी
बंद कमरे में अंगीठी जलाने से कमरे में कार्बन मोनोक्साइड और अन्य हानिकारक गैसें जमा हो सकती हैं। यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए अंगीठी को हमेशा खुले में या अच्छी तरह से हवादार कमरे में जलाएं।
अंगीठी के धुएं से होती है बीमारी
अंगीठी के धुएं में कई हानिकारक गैसें होती हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इन गैसों में कार्बन मोनोक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसें शामिल हैं। इसलिए अंगीठी को हमेशा सावधानी से जलाएं और धुएं को अच्छी तरह से निकालने के लिए प्रावधान करें।
अंगीठी जलाते समय बरते सावधानी
अंगीठी जलाते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। सबसे पहले अंगीठी को हमेशा एक जगह और बराबर सतह पर रखें। दूसरा अंगीठी को जलाने से पहले अच्छी तरह से जांच लें कि वह ठीक से काम कर रही है या नहीं। तीसरा अंगीठी को जलाते समय हमेशा एक आग बुझाने वाला उपकरण या पानी का एक बर्तन पास में रखें। चौथा अंगीठी को जलाते समय हमेशा एक खिड़की या दरवाजा खुला रखें ताकि धुआं अच्छी तरह से निकल सके।
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