जिस तेजी से डायबिटीज की समस्या बढ़ रही है वह चिंताजनक है. इसे लेकर एक नए अध्ययन में डरावने खुलासे हुए हैं. इस अध्ययन में बताया गया है कि भारत में हर 5 मधुमेह रोगियों की रक्त कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. जिसके कारण अंधापन, किडनी फेल्योर और तंत्रिका क्षति हो सकती है. ऑल इंडिया स्टडी में यह खुलासा हुआ है. आपको बता दें कि डायबिटीज एक पुरानी बीमारी है. जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या उत्पादित इंसुलिन का उपयोग हमारे शरीर द्वारा ठीक से नहीं किया जाता है.
3 साल तक 6,234 लोगों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि मधुमेह एक उच्च जोखिम वाली समस्या बनती जा रही है. इनमें से 3.3 प्रतिशत लोगों को दिल का दौरा और स्ट्रोक हो सकता है, जबकि 18 प्रतिशत को आंख, किडनी और तंत्रिका तंत्र को नुकसान हो सकता है. साथ ही अन्य लोग भी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं. एंडोक्रिनोलॉजी, डायबिटीज एंड मेटाबॉलिज्म' नाम की यह स्टडी हाल ही में पीयर रिव्यूड मेडियल जर्नल में प्रकाशित हुई है. इसमें मधुमेह प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गई.
डायबिटीज के मरीजों की संख्या
डायबिटीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसका मतलब साफ है कि इससे बचने के लिए जो किया जाना चाहिए हम वह नहीं कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, अगर तीन दशक पहले की बात करें तो देश में सिर्फ 3 फीसदी डायबिटीज के मरीज थे, जो अब तीन गुना बढ़कर 9 फीसदी हो गए हैं. भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या की बात करें तो रिपोर्ट के मुताबिक, 18 साल से ज्यादा उम्र के 77 मिलियन लोग डायबिटीज से प्रभावित हैं.
दिल का दौरा
A1C के खराब नतीजों के कारण मधुमेह का खतरा सबसे अधिक बढ़ जाता है। A1C तीन महीनों में औसत शर्करा स्तर का परीक्षण है. इससे प्रभावित 40 प्रतिशत लोगों को दिल का दौरा पड़ सकता है और बाकी लोग न्यूरोपैथी जैसी समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं. अनियंत्रित ब्लड शुगर के कारण मधुमेह की समस्या गंभीर हो सकती है. इससे नसें और रक्त कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, दिल का दौरा पड़ने का खतरा दो से तीन गुना बढ़ जाता है और किडनी खराब हो सकती है. इसलिए जीवनशैली और खान-पान को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.
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