Story Content
कभी 'द कपिल शर्मा शो' में 'दादी' और कभी 'नानी' की भूमिका निभाने के लिए चर्चा में रहने वाले अली असगर अब कॉमेडी छवि से बाहर निकलने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. इन दिनों वह 'जहां झलक दिखला जा सीजन 10' के प्रतिभागी हैं, वह एक फिल्म 'शहजादे' भी कर रहे हैं. अली असगर को उम्मीद है कि इस फिल्म के रिलीज होने के बाद कॉमेडी का कलंक दूर हो जाएगा. अली असगर की माने तो उन्हें एक्टिंग की प्रेरणा महमूद से मिली थी. वह शम्मी कपूर की फिल्मों के गाने गाकर लोगों का मनोरंजन करते थे.
पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं
अभिनय में आने से पहले अली असगर ने लंबे समय तक विदेशी होटलों में काम किया. वह कहते हैं, 'स्कूल के दिनों में पढ़ाई में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी. किसी तरह ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद उन्होंने होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की और पांच साल के कॉन्ट्रैक्ट पर विदेश के होटलों में काम करने चले गए. पांच साल बाद जब ठेका बढ़ा तो भी मैं काम करने को तैयार था, लेकिन घरवालों ने कहा कि इकलौता बेटा फिर कहां जाएगा. आप जो भी करना चाहते हैं, उसे यहीं करें.
रेस्टोरेंट का बिजनेस
असगर अली के पिता अली मोहम्मद का ईरानी होटल भारत रेस्टोरेंट के नाम से मुंबई के नल बाजार में था. मम्मी फरखुद्दीन हाउसवाइफ हैं. अली असगर कहते हैं, 'पिता नहीं रहे. मैं मां और पत्नी सिद्दीका असगर और दो बच्चों अदा असगर और नुयान असगर के साथ रहता हूं. पापा का रेस्टोरेंट का बिजनेस था. मैंने सोचा कि मुझे भी इसी में करियर बनाना चाहिए लेकिन मेरे घरवाले मुझे दोबारा बाहर भेजने के लिए तैयार नहीं थे.
अभिनय के प्रति थोड़ा झुकाव
उन दिनों दूरदर्शन पर हर शनिवार को हिंदी फिल्में आती थीं. अली असगर हर हफ्ते इस दिन का इंतजार करते थे. वह कहते हैं, 'मैं बचपन से ही महमूद साहब का बहुत बड़ा फैन रहा हूं. मैं उनकी हर फिल्म देखा करता था. उन दिनों दूरदर्शन पर शनिवार की रात को हिंदी फिल्में आती थीं. शम्मी कपूर की फिल्में भी खूब देखी जाती थीं, उनकी फिल्म का गाना 'तारीफ करूं क्या उसकी...' अक्सर स्कूल जाता था. शायद स्कूल के समय से ही अभिनय के प्रति थोड़ा झुकाव था.
कॉमेडी नाइट्स विद कपिल
अली असगर ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत साल 1987 में दूरदर्शन के सीरियल 'एक दो तीन चार' से की थी. इसके बाद उन्होंने कहानी घर घर की, कुटुम्ब, क्या हदसा क्या हकीकत, कॉमेडी सर्कस, कॉमेडी नाइट्स विद कपिल शर्मा जैसे कई लोकप्रिय शो में काम किया. अली असगर कहते हैं, 'वैसे तो सभी किरदार मेरे दिल के करीब हैं. लेकिन सीरियल 'इतिहास' में सूरज के किरदार को कोई नहीं भूल सकता. वह किरदार मेरे दिल के बहुत करीब है. मुझे नहीं लगता कि मुझे वह किरदार फिर कभी निभाने को मिलेगा.
करियर की शुरुआत
अली असगर ने फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत साल 1991 में फिल्म 'शिकारी' से की थी. उनका कहना है, 'इसे ऐसे देखा जाए तो 35 साल हो गए हैं लेकिन अब भी मुझे लगता है कि यह कल की बात है. मुझे मुंबई से सटे घोडबंदर में हाथियों के साथ शूटिंग करना याद है. अमरीश पुरी साहब के साथ एक फाइट सीक्वेंस था. मेरे जीवन में यह पहली बार था, जब अमरीश पुरी साहब के साथ फिल्म के कैमरे का सामना कर रहे थे. उनके व्यक्तित्व और आवाज ने मुझे बहुत प्रभावित किया.
शहजादे' की शूटिंग
अली असगर 'द कपिल शर्मा शो' के जरिए दादी और नानी की अपनी कॉमिक भूमिकाओं से लंबे समय से दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं. अब उन्होंने शो छोड़ दिया है. अली असगर कहते हैं, 'मैं लंबे समय से एक ही किरदार में फंसा हुआ था. अब कॉमेडी में करने को कुछ नया नहीं था. बहुत सारे रोल हैं जो मुझे अभी करने हैं. इसके लिए मेरे लिए कॉमेडी से ब्रेक लेना बहुत जरूरी था. अभी मैं ओटीटी के लिए 'शहजादे' की शूटिंग कर रहा हूं. जब यह फिल्म रिलीज होगी तो कॉमेडी का कलंक दूर हो जाएगा.
Comments
Add a Comment:
No comments available.