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छोटे पर्दे के सुपरस्टार कपिल शर्मा ने अब्बास-मस्तान निर्देशित फिल्म किस किसको प्यार करूं से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की. यह एक कॉमेडी फिल्म थी इसलिए कपिल शर्मा की प्रतिष्ठा को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ. फिर उन्होंने खुद अपनी दूसरी फिल्म 'फिरंगी' बनाई. इस फिल्म ने कपिल की कलात्मकता का सार फीका कर दिया. छह साल बाद कपिल शर्मा ने फिर हिम्मत जुटाई है और नंदिता दास की फिल्म 'ज्विगेटो' के जरिए एक बार फिर दर्शकों के सामने हैं.
निर्देशक नंदिता दास का दावा
वह एक डिलीवरी बॉय की भूमिका में हैं, निर्देशक नंदिता दास का दावा है कि कपिल शर्मा की शक्ल आम आदमी की है, इसलिए उन्होंने कपिल को फिल्म में मौका दिया. फिल्म 'ज्विगातो' एक निर्देशक के रूप में नंदिता दास की तीसरी फिल्म है और अभिनेता के रूप में पिल शर्मा की तीसरी फिल्म है.
डिलीवरी बॉय का काम
कोरोना महामारी के दौरान पूरी दुनिया में ऐसा आर्थिक बाजार छाया रहा कि कई लोगों की नौकरियां चली गईं. हमारा देश भी इससे अछूता नहीं रहा है. जिसे जीने का काम मिला, उसने किया. मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने वाले ज्यादातर लोग डिलीवरी बॉय बन गए. इसी विषय पर नंदिता दास ने कपिल शर्मा के साथ फिल्म 'ज्विगेटो' बनाई है. वह एक घड़ी कंपनी का मैनेजर है, नौकरी छूटने के बाद वह डिलीवरी बॉय का काम करने लगता है.
ज्विगेटो का सब्जेक्ट
फिल्म 'ज्विगेटो' में अगर निर्देशक नंदिता दास असफल नजर आती हैं, तो इसका कारण यह है कि वे एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार की भावनाओं को पर्दे पर सही मायने में कैद नहीं कर पाईं. फिल्म 'ज्विगेटो' का सब्जेक्ट ऐसा है कि इसके लिए काफी रिसर्च की जरूरत थी लेकिन फिल्म बहुत सतही तौर पर आगे बढ़ती है. सबसे पहले तो फिल्म कहानी के लेवल पर धमाल मचाती है. फिर फिल्म के स्क्रीनप्ले में कोई गहराई नहीं है.
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