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अभिनेता अमिताभ बच्चन हिंदी सिनेमा के एक मजबूत स्तंभ हैं. वह पूरी दुनिया में बॉलीवुड का जलवा बिखेर रहे हैं. उनकी आवाज, अभिनय शैली, कद-काठी सब कुछ उन्हें खास बनाता है. वह अपने द्वारा निभाए गए किरदार में डूबे रहते हैं. अमिताभ बच्चन अभिनय के अलावा अपने एक और गुण के लिए जाने जाते हैं और वह है अनुशासन. बिग बी अपनी निजी जिंदगी में बेहद अनुशासित हैं.
अमिताभ बच्चन का अनुशासन
समय की कद्र करना अमिताभ बच्चन से बहुत अच्छे से सीखा जा सकता है. वह समय के पाबंद और इतने समय के पाबंद हैं कि कई बार वे वॉचमेन के सामने फिल्म के सेट पर आ चुके हैं. ऐसी और भी कई कहानियां हैं. 1969 में फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' से डेब्यू करने वाले अमिताभ बच्चन आज हिंदी सिनेमा के सबसे सफल शख्सियत हैं. बॉलीवुड में जहां कुछ सफल सितारों के सेट पर देर से पहुंचने के किस्से मशहूर हैं, वहीं अमिताभ बच्चन तय समय से पहले सेट पर पहुंचने के लिए जाने जाते हैं. बिग बी की उनके कई सह-कलाकारों और फिल्म निर्देशकों ने अपने साक्षात्कारों में प्रशंसा की है.
चौकीदार से पहले सेट पर पहुंचे है बिग बी
अमिताभ की फिल्म 'मजदूर' और 'खुद्दर' के निर्देशक रवि टंडन ने भी बातचीत में कहा, 'अमिताभ बच्चन इतने समय के पाबंद हैं कि कई बार उन्होंने खुद फिल्मिस्तान स्टूडियो का गेट खोला, क्योंकि वह चौकीदार से पहले ही सेट पर पहुंच जाते थे.' उन्होंने कहा, 'यह उनकी सफलता की बड़ी वजहों में से एक है.
समय के पाबंद हैं अमिताभ
दिवंगत फिल्म निर्देशक रवि टंडन ने एक बातचीत के दौरान बताया था, 'मेरी तरह अमिताभ बच्चन भी बहुत समय के पाबंद हैं. अगर शिफ्ट सुबह 7 बजे शुरू होती है, तो हमारी कारें उसी समय स्टूडियो में प्रवेश करती हैं. उन्होंने एक दिलचस्प किस्सा भी शेयर करते हुए कहा था, 'एक बार हम मच गया शोर सारी नगरी में फिल्म 'खुद्दर' की शूटिंग कर रहे थे.
एक रात पहले अचानक शिफ्ट का समय सुबह 7 बजे से बदलकर 9.30 बजे कर दिया गया. लेकिन, समय पर होने के लिए मशहूर अमिताभ बच्चन को इस बात की जानकारी किसी ने नहीं दी. इसलिए वह समय पर आ गया. जब हम सब आए तो अमिताभ बच्चन को जमीन पर पानी छिड़कते देखा. बाद में सभी ने सेट पर जाकर खेद जताया. हालांकि अमिताभ बच्चन ने भी ऐसे में दरियादिली दिखाते हुए कहा, 'चलो इस बहाने, पानी डालने का समय मिल गया. खूब धूल उड़ती है. यह मिट्टी मुझे बहुत नुकसान पहुँचाती है. बता दें कि अमिताभ बच्चन को अस्थमा है.
ऐसा ही वाकया एक्ट्रेस माला सिन्हा के साथ हुआ. माला सिन्हा ने एक बातचीत के दौरान बताया था कि अमिताभ बच्चन का अनुशासन देखकर वह एक बार डर गई थीं. माला सिन्हा ने कहा था, 'एक दिन मैं कुछ तैयारी करने के लिए थोड़ा जल्दी स्टूडियो पहुंच गई. लेकिन, देखा कि अमिताभ बच्चन वहां पहले से मौजूद थे और इंतजार कर रहे थे. इसके अलावा माला सिन्हा ने अमिताभ बच्चन के विनम्र व्यवहार की भी तारीफ की.
आपको बता दें कि माला सिन्हा और अमिताभ बच्चन फिल्म 'संजोग' (1972) में नजर आए थे. माला सिन्हा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था, 'अमिताभ बच्चन एक अच्छे परिवार से आते हैं. लेकिन, वह फिल्म के सेट पर बेहद समय के पाबंद हैं. इतना कि एक बार उनके अनुशासन ने मुझे चौंका दिया. मैंने एक बार सुबह छह बजे अपना मेकअप शुरू किया था. जब मैं स्टूडियो पहुँचा तो देखा कि वह वहाँ पहले से ही स्टूडियो के गार्ड के साथ इंतज़ार कर रहा था. जब मैं आया, मैंने कामना की, 'नमस्कार!' उनकी विनम्रता ही उन्हें महान बनाती है. मैंने उसे कभी किसी से गलत तरीके से बात करते नहीं देखा.
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