उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कई कारोबार भी ठप हो गए हैं और लोगों को इस महंगाई से उबरना मुश्किल हो रहा है. अब इन दिक्कतों को कम करने के लिए योगी सरकार ने कुछ काम किया है. चुनाव की घोषणा के बीच आदेश दिया गया है कि इस साल भी राज्य के किसी भी स्कूल में फीस नहीं बढ़ाई जाएगी. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है.
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अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला की ओर से निजी माध्यमिक विद्यालयों द्वारा शैक्षणिक सत्र 2022-23 में भी फीस नहीं बढ़ाने का आदेश जारी किया गया है. कोरोना महामारी के चलते शैक्षणिक सत्र 2020-21 और 2021-22 में फीस नहीं बढ़ाई गई. यानी लगातार तीसरे साल भी निजी स्कूल फीस नहीं बढ़ा पाएंगे. यह फैसला यूपी बोर्ड, सीबीएसई और सीआईएससीई समेत सभी बोर्ड के प्राइवेट स्कूलों पर लागू होगा.
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यदि कोई निजी स्कूल फीस बढ़ाता है तो अभिभावक एवं छात्र उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क निर्धारण) अधिनियम, 2018 की धारा-आठ (ए) के तहत गठित जिला शुल्क निर्धारण नियामक समिति से शिकायत करेंगे और कार्रवाई की जाएगी. . सभी जिला स्कूल निरीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि कोई भी निजी स्कूल लगातार फीस वृद्धि की निगरानी न करे.
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