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सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस जासूसी मामले पर लोकसभा में केंद्र सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि 'रिपोर्ट्स कहती हैं कि डेटा में फोन नंबर्स की मौजूदगी हैक की पुष्टि नहीं करती है. फोन टैपिंग के मामले में जासूसी के आरोप झूठे हैं, लीक हुए डेटा का जासूसी से कोई लेना-देना नहीं है, भारत में फोन टैपिंग के लिए एक सख्त प्रोटोकॉल है, फोन टैपिंग की अनुमति केवल राष्ट्रीय हित और सुरक्षा के मामलों में है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संसद के मानसून सत्र से पहले जासूसी से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र की छवि खराब करने की कोशिश है.
इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ मीडिया ऑर्गेनाइजेशन ने खुलासा किया है कि भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी नेताओं और एक जज सहित बड़ी संख्या में व्यवसायी सरकारी एजेंसियों को केवल इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर के माध्यम से बेचे जाते हैं. वहीं हो सकता है कि अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हैक किए गए हों. यह रिपोर्ट रविवार को सामने आई.
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