अमेरिका की सत्ता जैसे ही जो बाइडेन के हाथ में आई वैसे ही इसका असर बाकी देशों पर भी देखने को मिल गया। जो बाइडेन ने बुधवार के दिन 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी। जैसे ही उन्होंने इस पद को संभाला वैसे ही उन्होंने नीतियों को पलटते हुए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। इसके चलते भारतीय निवेशक गदगद होते हुए दिखाई दिए हैं।
आज के दिन कारोबार की शुरुआत में निफ्टी में 1934 शेयरों में तेजी और 267 में गिरावट दर्ज हुई है। जिनके शेयर बढ़े हैं उनमें टाटा मोटर्स, यूपीएल, इंडसइंडबैंक, बजाज फिनसर्व मुख्य बैंक में रहे हैं। वहीं, एनर्जी सूचकांक और निफ्टी ऑटो में 1 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई है।
अमेरिकी बाजार का दिखा भारतीय बाजार पर असर
सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक जो बाइडेन के अमेरिका का चुनाव जीतने से लेकर शपथ ग्रहण तक अमेरिकी बाजार में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। सीएफआरए की माने तो एस एंड पी 500 में तकरीबन 13 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। वैसे ये हमेशा देखा गया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव के बाद बाजार में बढ़त होती ही है लेकिन इस बार जो बाइडेन के राष्ट्रपति का चुनाव जीतने से लेकर शपथ ग्रहण तक बाजार में सबसे बड़ी उछल दर्ज हुई है।
ट्रंप के वक्त था शेयर बाजार का ये हाल
जब डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति का चुनाव जीते थे तब भी शेयर बाजार में काफी बढ़त देखने को मिली थी। सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक उनकी जीत और शपथ ग्रहण के बीच बाजार में कम से कम छह फीसदी की तेजी देखी गई थी।
बाइडेन से पहले इस नेता की जीत पर दर्ज हुआ था रिकॉर्ड
जो बाइडेन से पहले 1961 में जॉन एफ कैनेडी की जीत के बाद ऐसा रिकॉर्ड दर्ज हुआ था। उनकी जीत से लेकर शपथ ग्रहण के बीच 73 दिनों का गैप था। इस दौरान एस एंड पी 500' आठ प्रतिशत तेजी से बढ़ता हुआ नजर आया था।
क्या जो बाइडेन के इन फैसलों का पड़ा भारतीय बाजार पर असर
वहीं, ऐसा कहा जा रहा है कि जैसे ही जो बाइडेन ने नए अमेरिका के राष्ट्रपित पद को संभालने के लिए शपथ ली उसके साथ-साथ ही उन्होंने ट्रंप सरकार द्वारा उठाए गए कुछ कदमों पर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं जोकि नीचे बताए गए हैं और कही न कही हो सकता है कि उनका असर ही भारतीय बाजार पर पड़ा हो।
- बॉर्डर पर दीवार बनाने के फैसले को रोक दिया गया है। साथ ही इसके लिए जो फंडिंग है वो भी रोक दी गई है।
- इसके अलावा जिन मुस्लिम देशों के लोगों के आने पर ट्रंप सरकार की ओर से बैन लगाया गया था उन्हें भी अब वापस करने का फैसला किया गया है।
- इतना ही नहीं आम लोगों की आर्थिक सहायता का ऐलान करते हुए उन्होंने स्टूडेंट लोन की किस्त को सितंबर महीने तक के लिए टाल दिया है।
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