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हम सभी जानते हैं कि त्योहार का सीजन शुरू होने वाला है लोगों के पास खर्चा भी बढ़ गया है। कोरोना काल में सभी लोगों की फाइनेंशल स्थिति थोड़ी डगमगा गई है इसलिए लोगों की चिंता भी बढ़ गई है। इन सब बातों का ख्याल रखते हुए त्योहार से ठीक पहले कर्ज लेने वालों को सरकार ने राहत दी है, बता दें कि वित्त मंत्रालय ने 2 करोड़ तक के कर्ज के लिए ब्याज पर छूट देने की घोषणा की है। मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने शुक्रवार को एक पत्र जारी किया, जिसमें वित्तीय संस्थानों के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच उधार लेने वालों को अंतर् बताया और भुगतान के लिए छह महीने देने पर दिशानिर्देश दिए गए।
मंत्रालय के अनुसार, सभी उधारकर्ता, चाहे वे इस लाभ के लिए एलिजिबल हो या नहीं, सभी को राहत दी जाएगी। मंत्रालय ने कहा है कि सभी उधारकर्ताओं जिनके पास 2 करोड़ से ज्यादा का बकाया ऋण नहीं है, के पास 1 मार्च से 31 अगस्त, 2020 के बीच की अवधि के लिए ऋण की पात्रता होगी। ऋण, आवास ऋण, उपभोक्ता टिकाऊ ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटोमोबाइल ऋण और उपभोग ऋण अगर कोई भी ऋण 2 करोड़ रुपये से ज्यादा है तो वह इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगें। रिपोर्टों के अनुसार, इस कदम से भारत सरकार की लागत 6,500 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
क्या है प्रक्रिया?
"उधार देने वाला संस्थान इस तरह के उधारकर्ताओं के खातों में चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर को क्रेडिट करेगा, भले ही उधारकर्ताओं ने पूरी तरह से लाभ उठाया हो या आंशिक रूप से लाभ उठाया हो या लाभ नहीं उठाया हो ये योजना सभी के लिए है।
यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के इस महीने के शुरुवात में दिया है, सरकार से कहा गया कि इस साल लोगों की दिवाली अच्छे से बननी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने ब्याज पर छूट देने के केंद्र के फैसले का स्वागत किया था, लेकिन उस मोर्चे पर कार्रवाई की कमी से खुश नहीं था। पीठ ने कहा इस योजना को जल्द ही लागू करना चाहिए। अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 नवंबर के दिन होगी।
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