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भारत में जब सबसे रईस व्यक्ति की बात होती है तो सबसे पहले नाम रिलायंस ग्रुप के मालिक मुकेश अंबानी का आता है तो वहीं बात जब सबसे दानवीर व्यक्ति की होती है तो विप्रो कंपनी के संस्थापक और अध्यक्ष अजीम प्रेमजी का नाम आता है। जी हां, अजीम प्रेमजी 7904 करोड़ रुपए डोनेट कर भारत के टॉप दानवीर बन गए हैं। अजीम प्रेमजी भारत के दानवीरों की टॉप 20 लिस्ट में पहले नंबर पर हैं। वहीं भारत के सबसे रईस व्यक्ति मुकेश अंबानी इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं।
एडलगिव हुरुन इंडिया फिलेनथ्रॉफी लिस्ट 2020 (EdelGive Hurun India Philanthropy List 2020) के सातवें एडिशन के अनुसार, अजीम प्रेमजी ने औसतन 22 करोड़ रुपए प्रतिदिन दान किए हैं। इसके अलावा अजीम प्रेमजी एंडोमेंट फंड, विप्रो में प्रमोटर की हिस्सेदारी का 13.6 प्रतिशत के मालिक हैं और उन्हें प्रमोटर शेयरों से अर्जित सभी धन प्राप्त करने का अधिकार है। अजीम प्रेमजी ने कोरोना काल में बढ़चढ़कर दान किया था। जानकारी के मुताबिक, 1 अप्रैल 2020 को, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन (1,000 करोड़ रुपये), विप्रो (100 करोड़ रुपये), और विप्रो एंटरप्राइजेज 1125 करोड़ रुपए का दान किया था। हुरुन इंडिया के एमडी अनस रहमान जुनैद ने कहा, "अजीम प्रेमजी भारतीय दानवीरों के लिए एक आदर्श हैं और अन्य उद्यमियों को प्रेरणा देने का काम कर रहे हैं।"
दानवीरों की लिस्ट में देश के अन्य रईसों का स्थान
एडलगिव हुरुन इंडिया फिलेनथ्रॉफी की सूची में देश के अन्य रईसों का स्थान नीचे है। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर एचसीएल टेक्नोलॉजीज़ के फाउंडर और चेयरमैन शिव नाडर हैं। वो पिछले साल इस लिस्ट में पहले स्थान पर थे। नाडर ने शिक्षा और स्कॉलरशिप के सेक्टर में काम करते हुए 30 हजार स्टूडेंट्स को फायदा पहुंचाया है। इसके अलावा इस लिस्ट में मुकेश अंबानी तीसरे स्थान पर हैं। 2019-20 वित्त वर्ष में मुकेश अंबानी व उनके परिवार ने 458 करोड़ रुपए दान किए थे। इसके अलावा कोरोना काल में उन्होंने पीएम केयर्स फंड में 500 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी। इस लिस्ट में आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला को चौथा स्थान, जबकि मेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल इस लिस्ट में पांचवे स्थान पर हैं।
जानिए भारत के सबसे बड़े दानवीर के बारे में
अजीम प्रेमजी का पूरा नाम अजीम हाशिम प्रेमजी है। मुंबई में जन्मे अजीम प्रेमजी अभी विप्रो कंपनी के फाउंडर और अध्यक्ष हैं। वो पिछले चार दशक से इस कंपनी के साथ हैं और लगातार कंपनी का विविधीकरण और विकास कर रहे हैं। अजीम प्रेमजी आज दुनिया के सबसे धनी लोगों की लिस्ट में गिने जाते हैं। इतनी ही नहीं उनकी गिनती भारत के टॉप बिजनेसमैन की लिस्ट में होती है और उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण भी मिला हुआ है।
पाकिस्तान नहीं भारत को चुना अजीम प्रेमजी के पिता ने
आपको बता दें अजीम प्रेमजी का जन्म 1945 में हुआ था, जिस वक्त भारत पर अंग्रेजों का शासन था। 1947 में आजादी के वक्त जब विभाजन हुआ तो मोहम्मद अली जिन्ना ने अजीम प्रेमजी के पिता को पाकिस्तान आने का न्यौता दिया, लेकिन उन्होंने भारत में ही रहने का फैसला किया। उनके पिता ने अजीम प्रेमजी को इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए अमेरिका भेज दिया था। इसके बाद पिता की मृत्यु के बाद अजीम प्रेमजी भारत लौटे और अपनी पढ़ाई को टाल दिया। इसके बाद वो परिवार की जिम्मेदारी लेने के लिए भारत लौट आए फैमिली बिजनेस को संभाला।
IBM की विदाई के बाद बढ़ा विप्रो का बाजार
प्रेमजी ने 1977 में अपनी कंपनी का नाम विप्रो कर दिया और जब 1979 में भारत सरकार ने IBM को देश छोड़ने के लिए कहा तो कंप्यूटर बिजनेस में वीप्रो ने अपना संचालन शुरू कर दिया।1980 में विप्रो ने कंप्यूटर हार्डवेयर की दुनिया में कई अहम भागीदारियां की।
Written By: Kapil Tiwari
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