ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) का मालिक अब भारतीय बन गया है. मुंबई के बिजनेसमैन संजीव मेहता (Sanjiv Mehta) ने ईस्ट इंडिया कंपनी को खरीद लिया है. संजीव मेहता को इस डील के लिए काफी ज्यादा रकम चुकानी पड़ी थी. वहीं ईस्ट इंडिया कंपनी के नए मालिक संजीव मेहता का कहना है कि यह एक बिजनेस डील से ज्यादा भावनात्मक डील है. वही संजीव ने ईस्ट इंडिया कंपनी को 15 मिलियन डॉलर में खरीदा है.
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20 मिनट में बिक गई कंपनी
यह बात साल 2003 की है. जब भारतीय बिजनेसमैन संजीव मेहता को पता चला कि ईस्ट इंडिया कंपनी अब उनके कदमों पर नहीं खड़ी हो सकती है, तो उन्होंने एक बार अपने कार्यालय जाने का फैसला किया. कहा जाता है कि संजीव ने वहां जाने से पहले सोचा था कि वह ईस्ट इंडिया कंपनी को खरीद कर ही रहेगे. यह उनकी ओर से भारतीयों के लिए एक उपहार था. जिस कंपनी ने भारत पर राज किया था आज वो उसे खरीदने के इरादे से गए थे.
मुंबई के एक डायमंड मर्चेंट परिवार में जन्मे संजीव कहते हैं कि जब उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी खरीदी तो उन्हें लगा कि जिसने कभी हम पर राज किया. आज भारत उस कंपनी का मालिक है. संजीव का कहना है कि उन्होंने कंपनी के शेयर खरीदने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी के कार्यालय में सिर्फ 20 मिनट बिताए. उन 20 मिनट के पहले 10 मिनट में ही उन्हें पता चल गया था कि कंपनी अपने घुटनों पर आ चुकी है.
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बता दें कि ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना वर्ष 1600 में हुई थी. उस समय एलिजाबेथ प्रथम (Queen ElizabethI) ब्रिटेन की महारानी थीं. जिसने ईस्ट इंडिया कंपनी को एशिया में व्यापार करने की खुली छूट दे दी. प्रारंभ में कंपनी ने भारत से यूरोप में मसालों, चाय और असाधारण उत्पादों की मांग करती थी. कंपनी ने अपना अधिकांश कारोबार भारतीय उपमहाद्वीप और चीन में फैलाया था.
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