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सीबीडीटी ने व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा आईटीआर फाइल करने की तारीख को 31 जुलाई 2021 से बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 कर दिया है। आईटीआर फाइल कर हम सरकार को जानकारी देते हैं कि हमने मौजूदा वित्त वर्ष में कितनी कमाई की और कितना टैक्स सरकार को दिया। एक मध्यम वर्गीय व्यक्ति के लिए टैक्स एक बोझ की तरह काम करता है, लेकिन यदि हम चाहें तो टैक्स प्लानिंग के जरिए सरकार द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स को बचा सकते हैं।
टैक्स प्लानिंग उन तरीकों में से एक है जो आपको टैक्स बचाने और अपनी आय बढ़ाने में मदद करता है। इनकम टैक्स एक्ट एक विशेष वित्तीय वर्ष में करदाता द्वारा किए गए विभिन्न निवेशों, बचत और व्यय के लिए डिडक्शन प्रदान करता है। आज हम आपको कुछ ऐसे तरीकों को बताएंगे जो आपको टैक्स बचाने में मदद कर सकते हैं।
इन पांच तरीकों से बचा सकते हैं अपना टैक्स
1) इनकम टैक्स की सेक्शन 80सी का इस्तेमाल कर 1.5 लाख तक करें निवेश
सेक्शन 80 सी टैक्स बचाने के सबसे मशहूर तरीकों में से एक है। यह करदाताओं की कुल आय से हर साल अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक डिडक्शन की अनुमति देता है। इसके तहत किसी सरकारी बचत या म्युचुयल फंड में निवेश कर अपनी आय को 1.5 लाख तक कम दिखाया जा सकता है।
2) नेशनल पेंशल सिस्टम (एनपीएस) में योगदान
नेशनल पेंशल सिस्टम (एनपीएस) इक्विटी और डेट पेंशन फंड में निवेश कर एक रिटायरमेंट फंड बनाने की अनुमति देता है। आप इसे 60 साल की उम्र में निकाल सकते हैं। इसमें निवेश कर करदाता अपने आय को 50000 तक कम कर सकते हैं।
3) स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान
आज कोरोनाकाल में कई लोगों को इलाज करवाने के लिए वित्तीय रूप से काफी जूझना पड़ा लेकिन स्वास्थ्य बीमा एक ऐसा उपाय जो इस मुश्किल परिस्थिति में काम आने के साथ-साथ टैक्स बचाने में भी मदद करता है। इसके तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान कर करदाता अपनी आय को 25,000 रुपये तक कम करके दिखा सकता है। वहीं वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 50,000 रुपये तक है। अपने और वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए स्वास्थ्य बीमा का योगदान करने वाला व्यक्ति प्रति वर्ष संयुक्त रुप से 75,000 रुपये तक की कटौती/डिडक्शन का लाभ उठा सकता है।
4) किराए पर कटौती प्राप्त करें
अगर आपको HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस मिलता है तो आप अपने हाउस रेंट अलाउंस (HRA) पर टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। अगर आपको हाउस रेंट अलाउंस (HRA) नहीं मिलता है लेकिन किराए का भुगतान करते हैं, तो आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 जीजी के तहत अपनी आय में 60,000 रुपये प्रति वर्ष तक डिडक्शन पा सकते हैं।
5) होम लोन ब्याज
क्या आपको पता है कि आप अपने होम लोन के ब्याज के जरिए भी टैक्स बचा सकते हैं? यदि आपने होम लोन लिया है तो उस पर भुगतान किया जाने वाला ब्याज इनकम टैक्स एक्ट की सेक्शन 24 के तहत 2 लाख रुपये प्रति वर्ष तक डिडक्शन योग्य होता है। लेकिन यदि आप मकान किराए पर देते हैं तो इसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं है। इसके अलावा आप अपने बचत खाते में पैसे जमा कर और दान देकर भी अपने आय में डिडक्शन कर टैक्स से बच सकते हैं।
Story- Priyaranjan Kumar
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