एशियाई विकास बैंक ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की उम्मीद के बीच चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास के अनुमान को आज कम कर दिया, जिससे लोगों की क्रय शक्ति प्रभावित हुई. बढ़ाकर 7.8 फीसदी कर दिया गया है. एडीबी ने आज जारी अपनी ताजा ग्रोथ आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि अप्रैल में जारी पूर्वानुमान में चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी विकास दर 8.0 फीसदी थी, जिसे अब घटाकर 7.8 फीसदी कर दिया गया है.
यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक प्रभाव
उन्होंने कहा कि कोरोना के ऑन-स्क्रीन संस्करण और यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक प्रभाव भी भारत को प्रभावित कर रहे हैं, जिससे मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई है. तेल की कीमतों से सबसे ज्यादा महंगाई पर असर पड़ा है और अब यह चालू वित्त वर्ष में 5.8 फीसदी पर रह सकती है, जो अप्रैल में 5.0 फीसदी थी.
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इसने कहा कि हालांकि उपभोक्ता धारणा में सुधार हुआ है, लेकिन उम्मीद से अधिक मुद्रास्फीति उपभोक्ता की क्रय शक्ति को प्रभावित कर रही है. हालांकि तेल पर उत्पाद शुल्क में कटौती कर इसे कुछ हद तक नियंत्रित करने का प्रयास किया गया है. रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि से पूंजी की लागत में वृद्धि हुई है, जिससे निजी निवेश भी प्रभावित हो रहा है. वैश्विक मांग के असर से निर्यात भी प्रभावित होगा. लागत बढ़ने से मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर विपरीत असर पड़ेगा.
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