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2 और बैंक होंगे प्राइवेट, सरकार ने की घोषणा

सरकार ने इन दोनों बैंकों के नामों को प्राइवेट बनाने का फैसला किया है. इन दोनों में सरकार पहले चरण में अपनी 51 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी.

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By Asna | व्यापार - 21 June 2021

सरकार ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक के नामों को प्राइवेट बनाने का फैसला किया है. इन दोनों में सरकार पहले चरण में अपनी 51 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी. वहीं इस खबर के चलते दोनों बैंकों के शेयरों में आज 20 फीसदी तक का उछाल दिखा है.

बैंक शेयरों में 20% की उछाल

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 20 फीसदी की बढ़त के साथ 24.30 रुपये और इंडियन ओवरसीज बैंक का शेयर 19.80 फीसदी की बढ़त के साथ 23.60 रुपये पर कारोबार कर रहा है. इसी तरह, बैंक ऑफ महाराष्ट्र का शेयर 8% बढ़कर 27 रुपये पर है जबकि बैंक ऑफ इंडिया का शेयर 7% बढ़कर 80 रुपये पर कारोबार कर रहा है.

एक्ट में सुधार करेगी सरकार

सरकार इन दोनों बैंकों में हिस्सेदारी कम करने के लिए बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट में सुधार करेगी और कुछ अन्य बैंकिंग नियमों में भी सुधार करेगी. सरकार ने कुल 4 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हिस्सेदारी कम करने की योजना बनाई है. इन दोनों के अलावा बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया भी हैं. हालांकि पहले चरण में सिर्फ दो बैंकों के नाम सामने आए हैं. सरकार ने बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के प्राइवेटेशन की भी बात की थी. वहीं 15 दिन पहले जब ऐसी ही खबर सामने आई तो दोनों बैंकों के शेयरों में तेज उछाल देखने को मिला. इन बैंकों के शेयरों में पिछले 2-3 महीने में दोगुने से ज्यादा उछाल देखा गया है.

नीति आयोग ने फाइनल किया था नाम 

सूत्रों के मुताबिक इन दोनों बैंकों के नामों का चयन सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने किया था. हालांकि, बैंक ऑफ इंडिया अभी भी संभावित नामों की सूची में है. नीति आयोग ने इन दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी के नाम विनिवेश समिति के सचिवालय को भेजे हैं.  इन सभी को इस वित्तीय वर्ष के अंत तक निजी कर दिया जाएगा.

बैंकों का प्राइवेटेशन उसके ग्राहकों को कैसे करेगा प्रभावित?

इन चारों बैंकों में खाताधारकों के जमा पैसे को कोई खतरा नहीं है. खाताधारकों को लाभ होगा कि प्राइवेटेशन के बाद उन्हें जमा, ऋण जैसी बैंकिंग सेवाएं पहले से बेहतर तरीके से मिल सकेंगी. एक जोखिम होगा कि कुछ मामलों में उनसे अधिक शुल्क लिया जाएगा. उदाहरण के लिए, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बचत खातों में 1,000 रुपये का न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना आवश्यक है। कुछ निजी बैंकों में, न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकता 10,000 रुपये तक जाती है. वर्तमान में कुल 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हैं. इनमें से प्राइवेट होने के बाद पब्लिक सेक्टर के 8 बैंक हो जाएंगे.

ये हैं मौजूदा सरकारी बैंक

1. बैंक ऑफ बड़ौदा 2. बैंक ऑफ इंडिया 3. बैंक ऑफ महाराष्ट्र 4. केनरा बैंक 5. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 6. इंडियन बैंक 7. इंडियन ओवरसीज बैंक 8. पंजाब नेशनल बैंक 9. पंजाब एंड सिंध बैंक 10. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 11. यूको बैंक 12. भारतीय स्टेट बैंक

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